कथा संवेद
-
कथा संवेद – 20
इस कहानी को आप कथाकार की आवाज में नीचे दिये गये…
-
कथा-संवेद – 19
इस कहानी को आप कथाकार की आवाज में नीचे दिये गये…
-
कथा संवेद – 18
इस कहानी को आप कथाकार की आवाज में नीचे दिये गये…
संवेद्य
फणीश्वर नाथ रेणु
-
फणीश्वर नाथ रेणु
गोआनीज लेडी के भीतर की दुनिया (लफड़ा)
अमित मनोज फणीश्वरनाथ रेणु लोक की आंचलिकता के सबसे सजग और संवेदनशील कथाकार हैं। उनका सृजनपाठक को निरन्तर स्पंदित…
Read More » -
फणीश्वर नाथ रेणु
रेणु का लोक
रेणु ने राष्ट्रीय आख्यान के समानांतर स्थानिक संस्कृति के जीवन और संघर्षों को अपने कथा साहित्य का विषय बनाया।…
Read More » -
फणीश्वर नाथ रेणु
प्रीत-पीड़ा-राग
रेणु की कहानियों से गुज़रते हुए मैं हर बार मिथिला के इस भूभाग, जिसको कुछ लोग ‘रेणु इलाक़े’ के…
Read More » -
फणीश्वर नाथ रेणु
नित्य लीला : पुरुष मन से स्त्री का प्रतिवाद
‘रेणु’ का नाम आते ही सिर्फ ‘रेणु’ याद नहीं आते बल्कि उनके साथ बिहार की लोक संस्कृति से जुड़ी…
Read More » -
फणीश्वर नाथ रेणु
जैव
“रेणु मानवता के लेखक थे। मानवीय संवेदना इनकी रचना के केंद्र में है। मानवीय संवेदना की लेखकीय पकड़ रचनात्मक…
Read More » -
फणीश्वर नाथ रेणु
स्वप्न-भंग और लोक संस्कृति की विदाई
दशकों पूर्व की ही नहीं, सौ वर्ष पहले की भी कुछ कहानियाँ बार–बार अपने पाठकों–आलोचकों से पुनःपाठ, गम्भीर पाठ…
Read More »